बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत निकलने की यह है वजह, जानें क्या है इलाज और पूरी प्रक्रिया

बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत निकलने की यह है वजह, जानें क्या है इलाज और पूरी प्रक्रिया

अम्बुज यादव

हमारे शरीर के सभी भाग जरुरी होते हैं और जबतक सभी सही नहीं रहेंगे तबतक हमारा शरीर फिट और निरोग नहीं कहा जाएगा। ऐसी स्थिति में हमें अपने शरीर के सभी अंगों की देखभाल अच्छे करनी चाहिए। क्योंकि सभी अंग अपने-अपने काम के लिए जाने जाते हैं। वहीं अगर किसी भी अंग में थोड़ी समस्या आती है तो हमें काफी तकलीफ और दिक्कत होने लगती है। उन्हीं अगों में एक है दांत, जिसका उपयोग हम कुछ खाने-पीने में करते हैं। वहीं अगर हमारे दांत में कोई समस्या हो जाए तो हम ठीक से खा-पी भी नहीं पाते हैं और उसकी वजह से हमारे सेहत पर काफी बुरा असर पड़ने लगता है। वैसे तो दांतों में कई तरह की समस्याएं होती हैं जिनकी वजह से हमें दिकक्तों का सामना करना पड़ता है। लेकिन कई आम होती हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताएंगे।

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दरअसल कई लोगों में देखा गया हैं कि उनके दांत टेड़े मेढ़ें हो जाते हैं। इस बारे में गाजियाबाद के जाने-माने दांत के डॉक्टर विकाश वर्मा से हमने पुछा तो उन्होंने बताया कि यह आज के समय में कई लोगों में देखने को मिलता है और अधिकतर इसके शिकार बच्चे हो रहें हैं। उन्होंने बताया कि इस समस्या को ऑर्थोडॉन्टिक प्रॉब्लम कहते हैं। वहीं इसका कारण बताते हुए उन्होंने बताया कि यह समस्या बच्चों के खाने-पीने और दांतों की देख-रेख की वजह से होती है। यही नहीं उन्होंने बताया कि कई बच्चों के दांत टेढ़े-मेढ़े निकलते हैं और इसका मुख्य कारण होता है कि दांतों का बचपन से ही सही ख्याल न रखा जाना। बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत की वजह प्राकृतिक या आनुवंशिक हो सकती है लेकिन कई बार लापरवाही के कारण भी ये स्थिति हो सकती है। उन बच्चों के दांत टेढ़े-मेढ़े ज्यादा होते हैं जो बोतल से दूध पीते हैं, क्योंकि इससे दांतों के आकार में बदलाव आ जाता है। लंबे समय तक अंगूठा चूसने की आदत जारी रहे तो यह स्थिति हो सकती है। बड़े होने पर उनके दांत जबड़े और मुंह से बाहर निकलने लगते हैं। कारण यही है कि ऐसा करने से जबड़े के आकार में बदलाव होने लगता है। पेसिफायर के लंबे समय तक इस्तेमाल से भी दांत टेढ़े-मेढ़े निकलते हैं। इसलिए 3 साल की उम्र के बाद बच्चों को इसकी आदत छुड़वा देना बेहतर होता है। एलर्जी, टॉन्सिल या फिर मुंह से सांस लेने की आदत से भी यही स्थिति पैदा होती है। बच्चे को किसी तरह की चोट लगने से जबड़े के आकार में परिवर्तन भी हो सकता है, तब भी ऐसे दांत निकल सकते हैं। दूध के दांत यदि समय से पहले या देर से गिरते हैं तो स्थायी दांत टेढ़े-मेढ़े भी जम सकते हैं।

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कारण जानने के बाद जब हमने डॉक्टर विकाश वर्मा से इसके इलाज के बारे में पुछा तो उन्होंने बताया कि इसका सिर्फ एक ही इलाज है और वह है तार लगाकर किया जाता है। यही नहीं उन्होंने बताया कि दांतों को सीधा इसी तरीके से किया जा सकता है और इसके प्रयोग से काफी जल्दी दांत भी सीधे दिखने लगते हैं।

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